मोटापा कम करने के में ग्रीन टी बहोत ही अच्छा उपाय है इसमें कैफीन की मात्रा अधिक होने के कारन मोटापा कम होता है इससे चेहरे और बालो की सुंदरता भी बढ़ती है इससे पाचन क्रिया भी अच्छी होती है खाना खाने के बाद एक कप ग्रीन टी पिने से बहोत फायदा मिलता है ग्रीन टी में एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन सी भरपूर मात्रा में होती है जिससे शरीर में रोग से लड़ने छमता और बढ़ जाती है रो दो से तीन कप ग्रीन टी के सेवन से बीमार पड़ने की संभावना कम होती है जिन्हे शुगर की बीमारी होती है उन्हें ग्रीन टी का सेवन जरूर करना चाहिए इससे शरीर में ग्लूकोज की मात्रा नहीं बढ़ती ग्रीन टी से उच्च रक्त चाप और ब्लड प्रेसर की बीमारी में भी काफी फायदा होता है ग्रीन टी से चेहरे की सुंदरता तो बढ़ती ही बढ़ती है साथ ही शरीर में थकान भी नै होती कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी के इलाज में भी ग्रीन टी का इस्तेमाल किया जाता है मुँह के कैंसर में ग्रीन टी एक बेहतरीन दवा है है और जो महिलाये ग्रीन टी का सेवन रोज करती है उन्हें ब्रेस्ट कैंसर का दर २०% कम रहता है.
1- सुंदर त्वचा के लिए: ग्रीन टी एंटीऑक्सिडेंट में समृद्ध है और इसमे विरोधी भड़काऊ गतिविधियां है। इसलिए ग्रीन टी सुंदर त्वचा को बनाए रखने और झुर्रियों और बुढ़ापे के लक्षणों जैसी समस्याओं से की परेशानी से भी बचाती है
2. जंगी भोजन और पेय के लिए तरस के साथ एक गतिहीन जीवन शैली, अक्सर कई मोटापे से संबंधित जटिलताओं जैसे हृदय रोग, स्लीप एपनिया, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, आदि का कारण बनता है। ग्रीन टी में पाए जाने वाले पॉलीफेनॉल वसा वाले ऑक्सीकरण के स्तर को और आपका शरीर में भोजन को कैलोरी में परिवर्तित करने के दर को तेज करते हैं।
3- कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए: ग्रीन टी में मौजूद टैनिन शरीर में एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करते हैं। जबकि कैटिचिन पेट में कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और केलोस्ट्राल को बढ़ने नहीं देता
4- मधुमेह के लिए: ग्रीन टी टाइप II मधुमेह के प्रबंधन में मदद करता है। इसमें मौजूद प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट अल्फा- ग्लूकोसिडेज नामक एंजाइम के स्राव को रोकते हैं.
5- कैंसर के लिए: ग्रीन टी शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट का एक उत्कृष्ट स्रोत है, जो कि विभिन्न प्रकार के कैंसर का खतरा कम करने में मदद करता है। ग्रीन टी में मौजूद पॉलीफेनॉल वी.ए.जी.एफ और एच.जी.एफ प्रोटीन को बनने नहीं देता , जो ट्यूमर होने की समस्या को बढ़वा देते है । ग्रीन टी कार्सिनोजेन्स और पराबैंगनी प्रकाश के कैंसर को बढ़ावा देने से रोकता है .
6- अल्जाइमर और पार्किंसंस का इलाज: पॉलीफेनोल सीखने और स्मृति को नियंत्रित करने वाले मस्तिष्क के कुछ हिस्सों को बनाए रखने में भी मदद करता है। वे मस्तिष्क में कम किया हुए एसिटाइलकोलाइन के कार्य को धीमा करते हैं और मस्तिष्क में नशो की नुकशान को भी रोकते हैं।
7- तनाव और अवसाद से राहत: कैफीन मस्तिष्क समारोह के विभिन्न पहलुओं को बेहतर बनाने में मदद करता है, जिसमें सुधारित मनोदशा, सतर्कता, प्रतिक्रिया समय और स्मृति शामिल है। ग्रीन टी में एल-थेनाइन भी होता है, जो अवरोधक न्यूरोट्रांसमीटर जी।ए।बी।ए की गतिविधि को बढ़ाता है,
8- दांतों के लिए: ग्रीन टी में कैटिचिन बैक्टीरिया को भी मारते हैं और इन्फ्लूएंजा वायरस जैसे वायरस को रोक सकते हैं, और संभावित रूप से आपके संक्रमण के जोखिम को कम कर सकते हैं। वे स्ट्रेप्टोकोकस म्युटान्स के विकास को बाधित करने में भी मदद करते हैं। अपने मुंह में जीवाणु और वायरस से लड़कर, ग्रीन टी सांस में बदबू भी नहीं होने देती
ग्रीन टी का इस्तेमाल कैसे करे
कुछ लोग ग्रीन टी को चाय की तरह बना कर पिटे है जबकि ऐसा नहीं करना चाहिए
खाली पेट कभी भी ग्रीन टी न पिएं.
खाना खाने से पहले ही ग्रीन टी पी लें.
ज्यादा से ज्यादा ग्रीन टी रोज दो से तीन कप ही पिए
ग्रीन टी के नुक्सान
अनीमिया के बीमार लोगो को ग्रीन टी का सेवन नहीं करना चाहिए अधिक ग्रीन टी का सेवन करने से किडनी और लिवर में परेशानी हो सकती है क्योकि इससे नींद कम आती है और भूक कम लगती है
अनीमिया के बीमार लोगो को ग्रीन टी का सेवन नहीं करना चाहिए अधिक ग्रीन टी का सेवन करने से किडनी और लिवर में परेशानी हो सकती है क्योकि इससे नींद कम आती है और भूक कम लगती है
ग्रीन टी में कैफीन की मात्रा कॉफी से बहुत काम होती है इसका बार बार सेवन करने से पेट की समस्या हो सकती है जैसे उलटी,अनिद्रा,दस्त आदि सुबह खली पेट ग्रीन टी लेने से एसिडिटी की समस्या का सामना करना पड़ सकता है.अगर तीन कप से ज्यादा पिया जाये तो भूक काम हो जाती है और खाना कम खाने से शरीर में कमजोरी हो सकती है ग्रीन टी मौजूद टैनिन शरीर में आयरन की मात्रा को कम कर देता है इसलिए हद से ज्यादा इसका सेवन खतरा पैदा कर सकता है ज्यादा ग्रीन टी पाचन क्रिया में निगेटिव असर डालते है ग्रीन टी ज्यादा पिने से किडनी स्टोन का खतरा हो सकता है ग्रीन टी में ऑक्जेलिक एसिड,यूरिक एसिड और एमिनो एसिड और फॉस्फेद की मात्रा पाई जाती है जिससे पथरी की समस्या हो सकती है
स्तनपान कराने वाली महिलाओ को ग्रीन टी का सेवन नहीं करना चाहिए इससे बच्चे का वजन घटने लगता है|
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