WORLD BEST STORY here you will find Health, Earning, Horror, Devotional, Bollywood, Innovation, Technology, and Offers Articles

गुरुवार, मई 21, 2020

The Russian Sleep Experiment


1940 के दशक में,रूस के एक तानाशाह और  रूसी शोधकर्ताओं के एक समूह ने एक समूह ने स्लीप एक्सपेरिमेंट किया था यह जानने के लिए अगर कोई कई दिनों तक नहीं सोता है तो उस के दिमाग पर और उसके शरीर पर क्या असर होता है ये एक्सपेरिमेंट इंसानी सभी एक्सपेरिमेंटो में सबसे क्रूर और भयानक माना गया|पांच सैनिक जो वर्ल्ड वार में पकडे गए थे और वे रसिया में थे एक वायुरोधी कक्ष में पांच लोगो को बंद कर दिया कर दिया गया और उनसे कहा गया के वो लोग अगर ३० दिन तक बिना सोये इस चेंबर में रह लेंगे तो उन्हें मुक्त कर दिया जायेगा।

इन पांचो कैदियों को एक प्रयोगात्मक गैस से ढक दिया गया था जो उन्हें सोने नहीं देता। उनकी बातचीत की  इलेक्ट्रॉनिक रूप से निगरानी की जा रही थी, और उनके व्यवहार पर गुप्त दो-तरफा दर्पणों के माध्यम से निगरानी राखी जा रही थी उन्हें खाने पिने के सारी  सामग्री उस कमरे में देदी गई थी ।
पहले कुछ दिनों के तक, सबकुछ ठीक लग रहा था। लेकिन पांचवें दिन के बाद,धीरे-धीरे तनाव के लक्षण प्रदर्शित होने लगे। वे पागल हो गए और एक दूसरे से बात करना बंद कर दिया,और फिर कुछ समय बाद एक दूसरे के बारे में माइक्रोफोन में फुसफुसाते रहे।

नौ दिन बाद, चिल्लाना शुरू हुआ। दो  कैदियों ने कमरे के चारों ओर दौड़ना शुरू कर दिया और जोर जोर से चिल्लाने लगा और चिल्लाते चिल्लाते उसकी वोकल कॉर्ड फट गई ।और उनमे से एक ने किताबो से कागज फाड़ फाड़ कर शिशो पर चिपका दिए ताकि उन्हें बाहर से कोई देख ना पाए|
अचानक, आवाज़ें रुक गईं, और कक्ष शांत हो गया।जब किसी प्रकार की कोई आवाज नहीं सुनाई दी तब  शोधकर्ताओं ने घोषणा की कि वे कक्ष खोल रहे थे। लेकिन अंदर से एक आवाज ने जवाब दिया: "अब हम मुक्त नहीं होना चाहते हैं।"
फिर पंद्रहवें दिन, उत्तेजक गैस को ताजा हवा से बदल दिया गया था। परिणाम अराजक थे।
उनमे से एक कैदी मर गया था। कई दिनों से न सोने की वजह ने कैदियों को गंभीर रूप से विचलित कर दिया था,वे लोग अपने ही शरीर के मांस को नोच नोच कर फेक रहे थे और  अपने शरीर के चमड़े नोच कर खा रहे थे जो खाना उन्हें रोज दिया जाता था उन लोगो ने उसे हाथ तक नहीं लगाया था| फर्श उनके मांस के टुकड़े और नाली के पानी से  भरा हुआ था।जब शोधकर्ताओं ने इस एक्सपेरिमेंट को बंद करने के लिए सोचा और एनाउंसमेंट किया गया की हम कमरा खोल रहे है अगर आप आजाद होना चाहते है तो सामने से है तो सामने से है जाये  वार्ना हम गोली चला देंगे
जब शोधकर्ताओं ने उन्हें उस कमरे से निकाल कर उनसे पूछना चाहा की वो लोग ऐसा बर्ताव क्यों कर रहे है पर वे उस कमरे से बहार आना नहीं चाहते थे उस गैस की उनलोगो को आदत पड़ गई थी और उन लोगो ने शोधकर्ताओं पर हमला कर दिया
उन लोगो ने बल पूर्वक लड़ाई की वे इतने उग्र हो चुके थे की उनमे से एक  ने अपनी मांसपेशियों को तोड़ दिया और संघर्ष के दौरान अपनी हड्डियों को अलग कर दिया।उनलोगो के शरीर में सिर्फ हड्डिया दिखाई दे रही थी उनलोगो ने खुद अपने मांस को नोच नोच कर शरीर से अलग कर दिया जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने खुद को इतना क्यों विचलित कर दिया है, तो प्रत्येक ने एक ही जवाब दिया: "मुझे जागना चाहिए।"
फिर उनलोगो को अस्पताल ले गया गया जहा दो कैदियों की और मौत हो गई बाकि जो दो बचे थे वो ट्रीटमेंट के दौरान जोर जोर से हस रहा था जब उससे उसके हसने का कारण पूछा गया तो उसने यही जवाब दिया की उन्हें जागे रहना है उन लोगो के शरीर में इतना खून भी नहीं था की उनका हार्ट पंप कर सके इस एक्सपेरिमेंट को अब भी नहीं रोका गया उन दोनों को फिर से कुछ नए कैदियों के साथ उस कमरे में डाल दिया गया वे लोग फिर उस कमरे में जाकर फिर वैसा ही बर्ताव करने लगे इस बार कुछ शोधकर्ताओं को भी उसमे डालने की सोची जारही थी तभी एक शोधकर्ता ने इस एक्सपेरिमेंट को करवाने वाले तानाशाह को गोली मार दी और अंदर जाकर उन दोनों कैदिओ से पूछा कौन हो तुम और ऐसा बर्ताव कयू कर रहे हो तब उसने कहा मई तुम्हारे अंदर का शैतान हू तुम्हारी ऐसी सोच हू जो इंसान को जानवर समझते है फिर उस शोधकर्ता ने वह मौजूद सभी को गोली मार दी और खुद को भी गोली मार कर इस एक्सपेरिमेंट को खत्मकर दिया|

IMAGE COPYRIGHT:GOOGLE.COM

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी: केवल इस ब्लॉग का सदस्य टिप्पणी भेज सकता है.