इरफ़ान खान एक महान कलाकार
इरफ़ान खान एक ऐसे कलाकार जिसके लिए करोडो लोगो के दिल में अपनी जगह बना ली थी जब वो इस दुनिया से गए हर एक को ऐसा लगा की उनका कोई अपना चला गया इरफ़ान खान का जन्म 1967 में हुआ था जब वो इस दुनिया से रुखशत हुए उनकी उम्र सिर्फ 53 साल थी शायद ही कोई ऐसा होगा जिसे उनके जाने का दुःख न हो इरफ़ान खान का पूरा नाम शाहबज़ादे इरफान अली खान था पर उन्हें अपना नाम बहुत बड़ा लगता था इस वजह से बाद में उन्होंने इसे छोटा कर इरफ़ान खान कर लिया इरफ़ान खान को क्रिकेट खेलना बहुत पसंद था और वो बहुत अच्छा क्रिकेट खेलते भी थे और उनका सिलेक्शन एक बहुत बड़े टूर्नामेंट में भी हो गया था पर उनके घर वाले चाहते थे की वो एक प्रोफ़ेसर बने इसीलिए उन्हें गेम से हटना पड़ा इरफ़ान खान ४ भाई बहन थे इरफ़ान खान के दोस्त इरफ़ान खान के स्वभाव के बारे में बताते है की वो बहुत ही खुशमिजाज इंसान थे वो एक ऐसे कलाकार थे जो सिर्फ बोलकर ही नहीं बल्कि अपनी आँखों से भी अभिनय करते थे इरफ़ान खान अपनी प्रसंसा से बहुत डरते थे उन्हें कभी अपनी कामयाबी से घमंड नहीं हुआ वो इतनी उचाई पर पहोच कर भी जमीं से आखिर तक जुड़े रहे वो प्रतिभावानो
की खुल कर तारीफ किया करते थे
इरफ़ान खान आर्ट फिल्मो के बहुत शौकीन थे वो नसीर खान जी की एक्टिंग से बहुत प्रभावित हुए थे तभी उनके अंदर अभिनय करने शौक जगा इरफ़ान खान कालेज में छोटे मोटे अभिनय किया करने लगे इसी दौरान जयपुर में रविंद्र मंच नाटक के दौरान उन्हें किसी ने बताया की अगर आपको फिल्मो काम करना है तो उन्हें एनएसडी में एक्टिंग सीखनी पड़ेगी वो एनएसडी ज्वाइन करने जाना चाहते थे पर इसके लिए उनके घर वाले उनके खिलाफ थे पर उन्होंने सबको मना लिया और उन्होंने एनएसडी ज्वाइन कर लिया इसी दौरान उनकी मुलाकात सुतपा शिकधर से हुई और इनकी दोस्ती लव स्टोरी में बदल गई और सुतपा और उनका साथ उनके आखिर समय तक रहा इरफ़ान खान अपनी पत्नी से अपने बच्चो से बहुत प्यार करते थे 1995 में इरफ़ान खान की और सुतपा की शादी हो गई उनके दो बेटे हुए जब इरफ़ान खान एक्टिंग में संघर्ष कर रहे थे तब सुतपा जो की एक राइटर थी तब वो घर चलाया करती थी और इरफ़ान खान को बहुत सपोर्ट करती थी इरफ़ान खान ने अपने आखिर समय में एक इंटरविउ में बोला था की अगर मेरी ज़िंदगी और रही तो मै अपनी पत्नी सुतपा के लिए जीना चाहूंगा
जब वो एनएसडी में पढाई कर रहे थे तब उनकी मुलाक़ात मीरा नायर से हुई जो एक फिल्म बना रही थी सलाम बॉम्बे उसमे उन्होंने इरफ़ान खान को एक छोटा सा रोल दिया वो रोल बहुत छोटा था सिर्फ 15या 20 मिनट का जिसमे इरफ़ान खान को एक खत लिखने वाले वयक्ति के रोल करना था फिल्म तो हिट हुई पर इस फिल्म से इरफ़ान कोई पहचान नहीं मिली एनएसडी की पढाई पूरी करने के बाद 1987 में इरफ़ान खान मुम्बई चले गए इस समय तक आर्ट फिल्मो का दौर खत्म हो चूका था आर्ट फिल्मो की जगह अब मसाला फिल्मो ने लेलिया था सुनील शेट्टी शाहरुख खान और कई सुपर स्टार जो बॉलीवुड पर छाए हुए थे ये समय इरफ़ान खान के लिए काफी शंघर्ष भरा था वो लगातार प्रयास कर रहे थे पर कोई रास्ता नहीं मिल रहा था उस समय इरफान खान ने खुश टीवी सीरियल में काम करना शुरू कर दिया भारत एक खोज ,कहकशा ,जय हनुमान ,चाडक्य किरदार ,डी ग्रेट मराठा, जस्ट मोहब्बत, बॉम्बे ब्लू, चंद्रकांता इन सभी टीवी सीरियल में इरफ़ान खान ने काम किया चंद्रकांता से उन्हें थोड़ी पहचान मिली पर ये काफी नहीं था अभी उनका अभिनय और उभरने वाला था 2000 में हिमांशु धुलिया जो की उनके एनएसडी के दोस्त थे वो एक फिल्म बना रहे थे हासिल हिमांशु धुलिया ने इरफ़ान खान को इसमें एक विलेन का रोल करने को कहा यह फिल्म इलाहाबाद के कालेज के राजनीती के ऊपर फिल्मायी जनि थी इरफ़ान खान ने इसपर बहुत मेहनत की वो सूटिंग शुरू होने के कुछ दिन पहले ही इलाहाबाद पहुंच गए और वहां की भाषा और बहुत ही बारीकी से सब समझा और और उनका अभिनय भी बहुत खूब हुआ ये फिल्म बहुत बड़ी हिट हुई इस फिल्म से इरफ़ान खान को एक बहुत बड़ी पहचान मिली फिर इरफ़ान खान की फिल्म the warrior 2001 में आयी इस फिल्म से इरफ़ान खान वर्ल्ड वाइड फेमस हो गए हासिल फिल्म में बेस्ट विलेन के रोल के लिए इरफ़ान खान को फिल्म फेयर अवार्ड भी मिला इसके 2 साल बाद एक फिल्म मक़बूल जिसमे इरफ़ान खान के साथ बड़े बड़े कलाकार तब्बू और पंकज कपूर नसीरुद्दीन शाह जैसे कलाकार थे इस सभी के साथ इरफ़ान खान के अभिनय को भी बहुत पसंद किया गया उसके बाद इरफ़ान खान ने कई फिल्म जैसे पीकू ,डी दार्जिलिंग लिमिटेड, स्पिडरमैन ,पजल रोग स्लमडॉग मिलियनर आदि बहुत सी फिल्मो में काम किया स्लमडॉग तो इतनी बड़ी हिट हुई के उसे ऑस्कर अवार्ड भी मिला खुद इरफ़ान खान भी ऑस्कर में मौजूद थे
सभी ठीक-ठाक चल रहा था इरफ़ान खान के पास बहुत बड़े-बड़े प्रोजक्ट थे तभी 2018 5 march को इरफ़ान खान का एक ट्वीट आया जिसमे इरफ़ान खान ने लिखा की उन्हें एक अलग तरह की बीमारी है और अपने चाहने वालो से दवा करने को कहा इस खबर ने उनके चाहने वालो के मन में हलचल मचा दी बाद में पता चला की यह बीमारी एक अलग तरह का कैंसर है जो बहुत ही काम लोगो को होता है फिर इस बीमारी के इलाज के लिए उन्हें लन्दन ले गया गया इस बिच रह रह कर उनके ट्वीट से उनके हालत के बारे में खबरे मिलती रही फिर इरफ़ान खान लगभग ठीक होकर 2019 में वापस भारत आगये उनके टेस्ट मुम्बई में ही किये जाते थे जहा उनके सरे रिपोर्ट नॉर्मल आते थे लन्दन आने के बाद जब उनकी हळद थोड़ी ठीक हुई उन्होंने एक मूवी अंग्रेजी मीडियम साइन की उसकी शूटिंग ख़त्म होते होते इरफ़ान खान की तबियत फिर बिगड़ने लगी उनकी पत्नी ने उन्हें आगे फिल्मे करने से मना कर दिया था अब इरफ़ान खान घर पर ही आराम करते थे उनकी तबियत ख़राब चल रही थी तभी एक दुखद खबर आयी 25 april को इरफ़ान खान की माँ जो जयपुर में रहती थी उनका इंतकाल हो गया पर लॉकडाउन के चलते वो जयपुर नहीं जा सके उन्हों अपनी माँ की अंतिम यात्रा विडिओ कॉन्फ्रेंसिंग से देखा उनकी माँ के जाने का उन्हें बहुत बड़ा झटका लगा वो अंदर से बहुत दुखी हो गए थे सायद इसके बाद उनकी लगातार तबियत बिगड़ने लगी 26,27 उनकी तबियत ख़राब रही 28april को उन्हें कोकिला बेन हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया जहा उन्हें रात भर वेंटिलेटर atOptions = { 'key' : '757b8d311e2b3e1ad05ecf74d75550ea', 'format' : 'iframe', 'height' : 90, 'width' : 728, 'params' : {} };
इरफ़ान खान एक महान कलाकार थे अब हमारे साथ उनकी द्वारा की गई कुछ बेहतरीन अभिनय की फिल्म और उनकी यादे है!
we love you Irrfan sir
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