हो जाईये सावधान क्युकेहम नहीं जानते can breathlessness be the only symptom of covid इस बात को नजर अंदाज न करे अगर ऐसा आपके साथ होता है तो ये साइलेंट अटैक का बहुत बड़ा संकेत है ऐसा इसलिए होता है क्युके आपके हार्ट तक खून सही से नहीं पहुंच पा रहा और सारा दबाब आपके मस्सल्स पर रहा है
जब हार्ट ठीक से काम नहीं करता है तो इसका असर पुरे शरीर पर पड़ता इसलिए साँस फूलने की समस्या शुरू हो जाती है यह समस्या महिलाओं और पुरुसो दोनों में होती है यदि ऐसी समस्या हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करे
यु तो साँस नाली में जाम होने पर या फेफड़ो में छोटी-मोटी परेशानी आने पर कभी ऐसा होता है के ये समस्या कुछ दिनों में ठीक हो जाये पर अगर ये ज्यादा दिनों तक बानी रहे हो ये घातक सिद्ध हो सकता है
साँस का फूलना इस बात का भी सूचक है के शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति ठीक से नहीं हो पा रही है फेफड़ो में अनावस्यक दबाब है ऐसे में फेफड़े ऑक्सीजन को वातावरण से खींचते है इस प्रकिया में साँस लेने की गति तेज़ हो जाती है साँस फूलने का एक कारन ये भी होता है ऐसा फेफड़ो में इन्फेक्शन की वजह से भी होता है जैसे निमोनिया और टी बी साँस की नली और उनकी शाखाओ की दीवारों में सूजन भी एक कारन भी हो सकता है साँस फूलने का, कभी कभी साँस नली में गिल्टी या छाती के अंदर मौजूद ट्यूमर का दबाब भी साँस फूलने का कारन हो सकता है
मौजूदा दौर में अनेक लोगों में आरामतलबी बढ़ रही है। नियमित सुबह सैर और व्यायाम न करना, शराब व अत्यधिक वसायुक्त खाद्य पदार्र्थों का भरपूर सेवन ये दोनों ही बातें शरीर के मोटापे को तेज गति से बढ़ा रही हैं। इस अतिरिक्त भार का मतलब शरीर में अतिरिक्त तरल पदार्थ व पानी की मात्रा का बढऩा है। इतना अतिरिक्त वजन बढ़ेगा, तो सांस फूलेगी। अक्सर आपने मोटापे से ग्रस्त लोगों को यह कहते सुना होगा कि चंद सीढ़ियां चढ़ने में सांस फूलती है। मोटापे में जरूरी नहीं है कि दिल की बीमारी हो। समय रहते अगर मोटापे को नियंत्रित कर लिया जाए, तो सांस फूलने की समस्या से छुटकारा मिल सकता है।
साँस फूलने कब खतरा बन जाता है
>लगातार एलर्जिक पदार्थो के संपर्क में रहना
>धूम्रा पान करना
>पहले कभी हुए फेफड़े संबंधी रोग साँस की समस्या के जोखिम को बढ़ाते है
>व्यायाम में कमी या बीमारी के कारण शरीर का आसामान्य अकार का होना
>गंभीर मोटापा
>बहुत ज्यादा शराब पिने से बचे क्युके इससे सरीर को बहुत नुक्सान होता है और बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है
यु तो साँस नाली में जाम होने पर या फेफड़ो में छोटी-मोटी परेशानी आने पर कभी ऐसा होता है के ये समस्या कुछ दिनों में ठीक हो जाये पर अगर ये ज्यादा दिनों तक बानी रहे हो ये घातक सिद्ध हो सकता है
साँस का फूलना इस बात का भी सूचक है के शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति ठीक से नहीं हो पा रही है फेफड़ो में अनावस्यक दबाब है ऐसे में फेफड़े ऑक्सीजन को वातावरण से खींचते है इस प्रकिया में साँस लेने की गति तेज़ हो जाती है साँस फूलने का एक कारन ये भी होता है ऐसा फेफड़ो में इन्फेक्शन की वजह से भी होता है जैसे निमोनिया और टी बी साँस की नली और उनकी शाखाओ की दीवारों में सूजन भी एक कारन भी हो सकता है साँस फूलने का, कभी कभी साँस नली में गिल्टी या छाती के अंदर मौजूद ट्यूमर का दबाब भी साँस फूलने का कारन हो सकता है
मौजूदा दौर में अनेक लोगों में आरामतलबी बढ़ रही है। नियमित सुबह सैर और व्यायाम न करना, शराब व अत्यधिक वसायुक्त खाद्य पदार्र्थों का भरपूर सेवन ये दोनों ही बातें शरीर के मोटापे को तेज गति से बढ़ा रही हैं। इस अतिरिक्त भार का मतलब शरीर में अतिरिक्त तरल पदार्थ व पानी की मात्रा का बढऩा है। इतना अतिरिक्त वजन बढ़ेगा, तो सांस फूलेगी। अक्सर आपने मोटापे से ग्रस्त लोगों को यह कहते सुना होगा कि चंद सीढ़ियां चढ़ने में सांस फूलती है। मोटापे में जरूरी नहीं है कि दिल की बीमारी हो। समय रहते अगर मोटापे को नियंत्रित कर लिया जाए, तो सांस फूलने की समस्या से छुटकारा मिल सकता है।
साँस फूलने कब खतरा बन जाता है
>लगातार एलर्जिक पदार्थो के संपर्क में रहना
>धूम्रा पान करना
>पहले कभी हुए फेफड़े संबंधी रोग साँस की समस्या के जोखिम को बढ़ाते है
>व्यायाम में कमी या बीमारी के कारण शरीर का आसामान्य अकार का होना
>गंभीर मोटापा
>बहुत ज्यादा शराब पिने से बचे क्युके इससे सरीर को बहुत नुक्सान होता है और बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है
>खाना धीरे धीरे और अच्छी तरह चबा चबा कर खाना चाहिए और खाना खाते समय बात नहीं करना चाहिए
अगर साँस लेने में दिक्कत हो रही है तो क्या क्या जांच कराये
लेरिंजोस्कोप>लेरिंजोस्कोप यह एक सूछ्म यन्त्र होता है जो खासकर बच्चो के लिए इस्तेमाल किआ जाता है जिसे बच्चो की कंठनाल और स्वर रज्जु की जांच की जाती है
पल्मोनरी फंक्शन टेस्ट >ये टेस्ट दो तरह से किया जाता है सिप्रोमेट्री और मैथोकोलिन चैलें। ये टेस्ट खासकर अस्थमा के रोगियों के लिए किया जाता है
RT-PCR>और अगर आपको covid के सिम्टम्स लग रहे हे तो आपको RT-PCR करना होगा
कई मामलो में डॉक्टर सिटी स्केन या एक्स रे भी करते है
साँस फूलने से बचाव
साँस फूलने की समस्या को अक्सर दवा,साँस लेने की तकनीकों,व्यायाम या ऑक्सीजन सप्लीमेंट्स द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है|अन्य कुछ तरीके जिन्हे अपना कर साँस सम्बन्धी समस्याओं को नियंत्रित किया जा सकता है
>घर के अंदर व् बहार प्रदुसित वायु के संपर्क में आने से बचे
>धूम्रपान करना छोड़ दे
>सामान्य शारीरिक चेकअप कराये क्योके साँस फूलना एक गंभीर समस्या बन सकता है
>ऐसे चीजों से दूर रहे जो अस्थमा को बढ़ा सकता है
>साँस फूलने से जुडी अपनी सोच को व् चिंताओं को डॉ.से शेयर करे
>साँस रोकने की कोशिश न करे
इन संकेतो को न करे नजर अंदाज
>होट,उंगलियों का और नाखुनो का नीला पड़ना
>साइन में दर्द होना खासी के साथ खून आना
>चक्कर आना बेहोसी महसूस होना
>जरुरत से ज्यादा लार गिरना
>साँस के साथ घड़घड़ाहट की आवाज आना
>साँस लेने में सिटी जैसी आवाज आना
>बलगम आना अचानक भूक ख़तम हो जाना व् पैरो में सूजन रहना
अचानक साँस लेने में परेशानी होने पर
व्यक्ति को तुरंत खाने या पिने की कोई चीज न दे.अगर छाती में चोट है उसे हिलाये नहीं.सर के निचे तकिया न रखे इससे साँस नाली पर असर पड़ता है.वयक्ति को हवादार जगह पर ले जाये.तुरंत चिकत्सक को संपर्क करे इसी बिच वयक्ति की साँस और धड़कन की जांच करते रहे वयक्ति के पहने कपडे को ढीला कर दे छाती या गले पर कोई चोट है तो उसे तुरंत ढक दे
image copyright:google.com
साँस फूलने की समस्या को अक्सर दवा,साँस लेने की तकनीकों,व्यायाम या ऑक्सीजन सप्लीमेंट्स द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है|अन्य कुछ तरीके जिन्हे अपना कर साँस सम्बन्धी समस्याओं को नियंत्रित किया जा सकता है
>घर के अंदर व् बहार प्रदुसित वायु के संपर्क में आने से बचे
>धूम्रपान करना छोड़ दे
>सामान्य शारीरिक चेकअप कराये क्योके साँस फूलना एक गंभीर समस्या बन सकता है
>ऐसे चीजों से दूर रहे जो अस्थमा को बढ़ा सकता है
>साँस फूलने से जुडी अपनी सोच को व् चिंताओं को डॉ.से शेयर करे
>साँस रोकने की कोशिश न करे
इन संकेतो को न करे नजर अंदाज
>होट,उंगलियों का और नाखुनो का नीला पड़ना
>साइन में दर्द होना खासी के साथ खून आना
>चक्कर आना बेहोसी महसूस होना
>जरुरत से ज्यादा लार गिरना
>साँस के साथ घड़घड़ाहट की आवाज आना
>साँस लेने में सिटी जैसी आवाज आना
>बलगम आना अचानक भूक ख़तम हो जाना व् पैरो में सूजन रहना
अचानक साँस लेने में परेशानी होने पर
व्यक्ति को तुरंत खाने या पिने की कोई चीज न दे.अगर छाती में चोट है उसे हिलाये नहीं.सर के निचे तकिया न रखे इससे साँस नाली पर असर पड़ता है.वयक्ति को हवादार जगह पर ले जाये.तुरंत चिकत्सक को संपर्क करे इसी बिच वयक्ति की साँस और धड़कन की जांच करते रहे वयक्ति के पहने कपडे को ढीला कर दे छाती या गले पर कोई चोट है तो उसे तुरंत ढक दे
जब से covid आया है तब से हमें इस तरह की परेशानियों से और सावधान रहना चाहिए अगर आपको ये परेशानी 24 घंटो से ज्यादा रहती है तो डॉक्टर को जरूर दिखाए क्युकी हो सकता है रोग ज्यादा गंभीर हो जाय।
कभी कभी ऐसा भी होता है साँस लेने में दिक्कत हो और थोड़ी देर में ठीक हो जाये फिर कुछ दिन बाद हो और ज्यादा देर तक ऐसा महसूस हो तो भी ये गंभीर मामला हो सकता है
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